Meerut News Today 2 May: मेरठ समाचार | सुनिए शहर की ताजातरीन खबरें

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पश्चिमी यूपी के छह जिलों में मतगणना जारी, सुरक्षा के पुख्त इंतजाम

पश्चिमी यूपी के छह जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना आज सुबह आठ बजे से शुरू हो चुकी है। मेरठ में एडीजी राजीव सभरवाल ने सुबह-सुबह कई केंद्रों का निरीक्षण किया। उधर, मुजफ्फरगनर में कुकड़ा मंडी के बाहर प्रत्याशी और एजेंटों की भारी भीड़ जुटने पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को खदेड़ा। सहारनपुर में मतगणना स्थलों पर रविवार सुबह से ही भीड़ जुटी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ाई गई। वहीं सभी मतगणना स्थल पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस तैनात की गई है। बिजनौर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना सुबह आठ बजे से जारी है। कई केंद्रों पर कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने से मतगणना देरी से शुरू हुई। 

पश्चिमी यूपी के छह जिलों में कोरोना से 35 की मौत

पश्चिमी यूपी के छह जिलों में शनिवार को 35 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। सहारनपुर में कोरोना से 13 की मौत हो गई और 398 संक्रमित मिले हैं। मुजफ्फरनगर में एक की मौत हो गई और 347 संक्रमित मिले हैं। बागपत में चार लोगों की कोरोना से मौत हुई है, 368 संक्रमित मिले हैं। शामली में 296 और बिजनौर में 146 संक्रमित मिले हैं। बिजनौर में दो कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई है। मेरठ में 15 की मौत और 1107 संक्रमित मिले हैं।

युवाओं में दिखा उत्साह… लगवाए टीके 

मेरठ में टीकाकरण को लेकर युवाओं में खासा उत्साह दिखा। टीकाकरण केंद्रों पर कतारें लगी रहीं। 10 केंद्रों पर लक्ष्य तीन हजार को टीका लगाने का था, जबकि 2450 युवाओं को ही टीके लगाए गए। स्टॉक खत्म होने के कारण जिले के लिए तीन हजार कोवैक्सिन डोज विशेष विमान से लाई गईं। परतापुर से गाड़ी में वैक्सीन केंद्रों पर भेजी गईं। मेडिकल, जिला अस्पताल, और सीसीएसयू विश्वविद्यालय समेत दस केंद्रों पर वैक्सीनेशन दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक चला।

सरकारी अस्पताल में लगवा सकते हैं दूसरी डोज

एक मई से टीकाकरण की नई व्यवस्था में निजी अस्पतालों में बनाए गए केंद्र पर फिलहाल टीकाकरण नहीं हुआ। अब निजी अस्पतालों को टीकाकरण के लिए सरकारी स्तर पर वैक्सीन नहीं दी जाएगी। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि निजी अस्पताल में पहली डोज लगाने वालों को सरकारी अस्पताल में दूसरी डोज निशुल्क लगाई जाएगी। उन्हें इसके लिए टीकाकरण सर्टिफिकेट साथ लाना होगा। 

इमरजेंसी के फर्श और स्ट्रेचर पर तड़प रहे मरीज

मेरठ में कोरोना की मार झेल रहे मरीजों और उनके तीमारदारों को एक-एक बेड के लिए जंग लड़नी पड़ रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड पाने के लिए मारामारी है। इमरजेंसी के फर्श और स्ट्रेचर पर मरीज तड़प रहे हैं। शनिवार को भी हालात में कोई सुधार नजर नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज में कोई इमरजेंसी के फ़र्श पर तो कोई स्ट्रेचर पर है। कोई मरीज कार में ही उपचार ले रहा है। मरीज के तीमारदार बाहर ऑक्सीजन के इंतजाम में भटक रहे हैं। तीमारदारों को अपनों का हाल तक पता नहीं चल रहा है। कोविड वार्ड में जो खाना भिजवा रहे हैं, वह खाना भी मरीज तक नहीं पहुंच रहा है। एक बुजुर्ग मरीज तो इमरजेंसी की पार्किंग में खाना खाते मिले। कोई चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहा है।

हर दिन 51, दस दिनों में 511 लोगों की मौत

मेरठ शहर में कोरोना के कारण मृत्यु का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अस्पताल में बेड न होने के कारण लोग घरों में मर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज जहां प्रतिदिन 10 से 15 लोगों की मृत्यु का आंकड़ा प्रस्तुत कर रहा है। वहीं सूरजकुंड गंगा मोटर कमेटी के रिकॉर्ड के अनुसार शहर में 10 दिन में 511 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में अधिकांश कोरोना के मरीज थे। अप्रैल 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो लॉकडाउन के दौरान सामान्य मृत्यु दर भी घटकर 8 से 10 रह गई थी। इस बार प्रतिदिन 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हो रही है।

सुबह से रात तक ऑक्सीजन के लिए हंगामा

मेरठ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। मरीज अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं। तीमारदार हाथों में सिलिंडर लिए गैस गोदामों के बाहर भटक रहे हैं। ऑक्सीजन न मिलने के कारण हंगामे हो रहे हैं। अपनों की जान बचाने के लिए तीमारदार रातभर भी कतारों में लग रहे हैं।  इसके बावजूद ऑक्सीजन आसानी से नहीं मिल रही है। डॉक्टर का पर्चा, वीडियो कॉल और आधार कार्ड साथ होने के बाद भी लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान हो रहे हैं।

पहले दिन जिम्मेदारी के साथ किया कोरोना कर्फ्यू का पालन

मेरठ शहर में कोरोना संक्रमण के लिए शुक्रवार शाम 7:00 बजे से कर्फ्यू शुरू हो गया। शनिवार को शहर के संपूर्ण बाजार बंद रहे। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हुई। लोग सड़कों पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए निकले। सुबह और शाम शहर में पूर्व की तरह दूध की आपूर्ति हुई। लोगों ने स्वयं जागरूक होकर बंदी का पालन किया। सुबह से रात तक शहर की सड़कों पर एंबुलेंस का सायरन गूंजता रहा है। दवा की दुकानें और कुछ फलों की दुकानें खुली रहीं। सब्जी, परचून और सभी बाजार पूरी तरह से बंद रहे। 

मेडिकल के दो कर्मचारी नौकरी से निकाले

मेरठ में मेडिकल के कोविड अस्पताल में जूनियर डॉक्टर और कर्मचारियों में हुए मारपीट के मामले में प्राचार्य ने तीन सदस्य जांच कमेटी गठित कर दी है। फिलहाल झगड़ा करने वाले दोनों मुख्य आरोपियों नदीम और जावेद को नौकरी से निकाल दिया गया है। सभी कर्मचारी और चिकित्सक काम पर लौट आए हैं। जांच समिति में प्रमुख अधीक्षक डॉ. केएन तिवारी अध्यक्ष हैं, जबकि डॉ. टीवीएस आर्य और डॉक्टर ज्ञानेश्वर भी शामिल हैं। कोविड अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि झगड़े की असल वजह शव पैक करते वेंटिलेटर में गेट लगना था।

देश का दूसरा प्रदूषित शहर रहा मेरठ, 319 पर पहुंचा एक्यूआई 

हवा की गति धीमी पड़ने से मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर भी बढ़ने लगा है। इस कारण हवा दूषित होने लगी है। शुक्रवार को एक्यूआई का स्तर 242 दर्ज किया गया था, जो बढ़कर शनिवार को 317 पहुंच गया। देश में सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर रहा। यहां पर एक्यूआई 339 दर्ज किया गया। गाजियाबाद तीसरे और मेरठ दूसरे स्थान पर रहा।

मोहब्बत के शायर मदन शर्मा का कोरोना से निधन

दोआबा की माटी में मोहब्बत के शायर के नाम से मशहूर शायर मदन शर्मा (65 वर्ष) का शनिवार रात लोकप्रिय अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। पिछले आठ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। मेरठ ब्रह्मपुरी में जन्मे मदन शर्मा आज भी इसी पुश्तैनी आवास में रहते थे। अपने पीछे पत्नी, बेटा आदित्य, भाई विमल को छोड़ गए हैं। 


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