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पश्चिमी यूपी में मिले 3866 कोरोना संक्रमित, 31 लोगों की मौत
पश्चिमी यूपी के छह जिलों में 3866 कोरोना संक्रमित मिले हैं, 31 लोगों की मौत हो गई। मेरठ में जहां 1500 नए संक्रमित मिले हैं, वहीं सात लोग कोरोना की जंग हार गए। सहारनपुर में 24 घंटे के भीतर कोरोना से 17 लोगों की मौत हो गई, 647 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बिजनौर में 11 लोगों ने बुखार से दम तोड़ दिया। दो की मौत कोरोना से भी हुई है, 363 नए मरीज मिले हैं। बागपत में भी पांच लोगों ने दम तोड़ दिया, कोरोना के 230 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर में 848 और शामली में 278 नए संक्रमित मिले हैं।
मेरठ में मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर और कर्मचारियों में मारपीट, जमकर तोड़फोड़
मेरठ में मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में बॉडी पैक करने को लेकर जूनियर डॉक्टरों और कर्मचारियों में मारपीट हो गई। दोनों पक्षों ने वार्ड में तोड़फोड़ कर दी। इससे कोरोना मरीजों में खलबली मच गई। विरोध में दोनों पक्षों ने काम बंद कर दिया। इससे मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था फैल गई। पुलिस ने कर्मचारी नदीम को गिरफ्तार कर लिया।
कोरोना का कहर: कब्रिस्तानों में शव दफनाने के लिए कम पड़ी मिट्टी, विधायक ने दिये 25 लाख रुपये
मेरठ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। कब्रिस्तानों में शवों को दफनाने का संकट खड़ा हो गया है। कब्रों के लिए मिट्टी कम पड़ने लगी है। शहर विधायक रफीक अंसारी ने मिट्टी के इंतजाम के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने इस बाबत जिलाधिकारी के. बालाजी को पत्र लिखा है। प्रमुख कब्रिस्तानों में पहले रोजाना दो से चार जनाजे ही आते थे। यह आंकड़ा अब रोजाना 15 के करीब पहुंच गया है। जिससे उन स्थानों पर मिट्टी भराव की अधिक आवश्यकता हो गई है। विधायक का कहना है कि मिट्टी भराव जल्द नहीं किया गया तो जनाजों को दफनाने में समस्या होने लगेगी।
ऑक्सीजन के लिए घंटों हंगामा
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते ऑक्सीजन गोदाम पर सिलिंडर के लिए सुबह से लेकर देर रात तक मारामारी मच रही है। पूठा रोड स्थित कृष्णा गैसेज गोदाम पर ऑक्सीजन न मिलने पर तीमारदारों ने घंटों हंगामा किया। गोदाम का गेट तोड़ने की कोशिश की गई। सूचना पर पुलिस पहुंची और हंगामा कर रहे लोगों को लाठियां फटकार कर खदेड़ा।
बीमारी और मौतें देख… बढ़ रहा तनाव-अवसाद
कोरोना की दूसरी लहर लोगों के मन पर कहर ढा रही है। जो संक्रमित हैं वह और उनके परिवार अस्पताल में लड़ रहे हैं। जो ठीक हैं वो घर पर डर और अवसाद से जूझ रहे हैं। उन्हें डर है कहीं हमें भी कोरोना न हो जाए। कारोबार से लेकर लोगों को अपनों के खोने का डर सता रहा है। चारों ओर मौत, बीमारी की बातें सुनकर लोगों के मन में एक अदृश्य डर घर गया है। इससे तनाव, चिड़चिड़ापन, अकेलापन और अवसाद बढ़ा रहा है।
12 मई से होने वाली सेना भर्ती रैली स्थगित
एक बार फिर लाखों युवाओं के सेना में जाने के सपने को तगड़ा झटका लगा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार भी सेना भर्ती रैली को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। 12 मई से 31 मई तक मुजफ्फरनगर के चौधरी चरण सिंह स्टेडियम में भर्ती रैली को आयोजित किया जाना था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए। लगभग एक लाख युवाओं ने इसके लिए अपना पंजीकरण कर लिया था।
तड़प रही मानवता, ‘लाचार’ हुई व्यवस्था
मेरठ शहर में हर ओर चीख पुकार मची है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं और जरूरी दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। आम आदमी घुट-घुटकर मर रहा है। एक तो अपनों के जाने का गम और दूसरा ‘लाचार व्यवस्था’ उसके दुख को दोगुना कर रही है। पलकें भीगीं हैं और आत्मा तड़प रही हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है। महामारी के इस दौर में कुछ चिकित्सकों ने मरीजों से मुंह मोड़ लिया है। अगर उपचार भी कर रहे हैं तो चार से पांच गुना अधिक फीस वसूल रहे हैं। ऐसे में लोग अपनी व्यथा किससे कहें?
10 दवाओं की कालाबाजारी
मेरठ में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ कोविड में प्रयोग में आने वाली दस दवाओं और इंजेक्शनों की कालाबाजारी की जा रही है। कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने दवा का स्टॉक कर लिया है। दवा एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है। जिला मेरठ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने कहा कि तीमारदारों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर से लाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है। दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए ड्रग विभाग की तरफ से कार्रवाई की जानी चाहिए। एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम मित्तल ने बताया कि थोक व्यापारी प्रिंट रेट पर ही माल दे रहे हैं। कुछ लोगों ने दवा खरीदकर स्टॉक कर ली हैं।
नहीं रहीं शूटर दादी चंद्रो तोमर
शूटर दादी के नाम से मशहूर 90 वर्षीय चंद्रो तोमर का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। उन्हें उपचार के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां दोपहर ढाई बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पदक जीते जीतने वाली शूटर दादी के जीवन पर बॉलीवुड की चर्चित फिल्म ‘सांड़ की आंख’ भी बन चुकी है। शामली के गांव मखमूलपुर में चंद्रो का जन्म एक जनवरी 1932 को हुआ था।
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