Bengal: Bjp Leader Agnimitra Paul Said – We Did Not Think Of Such A Result In The Dream, Now The Trinamool Workers Are Creating A Tandav – बंगाल: भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा-हमने सपने में ऐसे नतीजे का नहीं सोचा था, अब तृणमूल कार्यकर्ता मचा रहे तांडव

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शशिधर पाठक, अमर उजाल, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sun, 02 May 2021 08:26 PM IST

सार

बंगाल भाजपा महिला विंग की प्रमुख ने कहा कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के दाम, पोस्ट ऑफिस स्कीम में ब्याज दरों का घटना सबने असर डाला। हम तो सरकार बनाने जा रहे थे, पर ऐसा नहीं हो सका।
 

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पश्चिम बंगाल भाजपा महिला विंग की प्रमुख अग्निमित्रा पॉल आसनसोल (दक्षिण) से मतगणना में तृणमूल की प्रत्याशी सायनी घोष से आगे चल रही हैंं, लेकिन चुनाव नतीजों ने पॉल को पूरी तरह से चौंका दिया है। अमर उजाला से बातचीत में अग्निमित्रा कहती हैं कि पूरे बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। वे भाजपा के नेताओं को पकड़-पकड़ कर पीट रहे हैं। अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि हमने सपने में भी ऐसे नतीजे के बारे में नहीं सोचा था। कहां हम सरकार बनाने जा रहे थे और कहां ऐसा नतीजा सामने आ रहा है।

हमारे धुरंधर नेता नहीं चल पाए
अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि हमारे कई धुरंधर नेता चुनाव में नहीं चल पाए। स्वप्नदास गुप्ता, लॉकेट चटर्जी, बाबुल सुप्रियो, राहुल सिन्हा सब चुनाव हार रहे हैं। यशदास गुप्ता भी पीछे चल रहे हैं। अशोक डिंडा, रुद्रानिल घोष, वैशाली डालमिया, रवीन्द्र भट्टाचार्य, मीनादेवी पुरोहित भी चुनाव में हार की ओर हैं।

आया राम, गया राम वालों का सबसे खराब प्रदर्शन  
अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि जो नेता तृणमूल से भाजपा में आए, लगभग सभी के चुनाव नतीजे हार की तरफ हैं। जो नेता भाजपा से तृणमूल में गए और फिर भाजपा में लौट आए, वह भी चुनाव हार रहे हैं। जबकि पार्टी ने चुनाव प्रचार, तैयारी, बूथ प्रबंधन और हर स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि ऐसे नतीजे की तो उन्हें उम्मीद ही नहीं थी। यह तो बड़ा गड़बड़ हो गया। 

अब पांच साल राजनीति करना मुश्किल होगा
वह बताती हैं कि पांच साल तक पश्चिम बंगाल में राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि तृणमूल के लोगों ने भाजपा के नेताओं की पिटाई शुरू कर दी है।

क्यों आया इतना खराब नतीजा?
अग्निमित्रा पॉल कहती हैं कि अभी हार के कारणों पर समीक्षा का समय नहीं है। अभी तो वह भाजपा कार्यालय आई हैं। बैठक होने वाली है। वह कहती हैं कि कई मुद्दे ऐसे रहे, जिनके चलते हार का सामना करना पड़ गया। 

कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में उन्होंने कहा कि इससे मतदान का प्रतिशत घटा, लेकिन इस तरह से हार की उम्मीद नहीं थी। अग्निमित्रा पॉल कहती हैं कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के बढ़े दाम, चुनाव के ऐन वक्त पर वित्त मंत्रालय द्वारा जमा दरों पर ब्याज दरों में कटौती का फैसला समेत तमाम बड़े कारण हैं, जिन्होंने चुनाव को प्रभावित किया।  अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान कुछ गलत बयानबाजी का भी असर पड़ा है। वह मानती हैं कि तृणमूल से भाजपा में आए दागी छवि के लोगों को भी राज्य की जनता ने नकार दिया।

विस्तार

पश्चिम बंगाल भाजपा महिला विंग की प्रमुख अग्निमित्रा पॉल आसनसोल (दक्षिण) से मतगणना में तृणमूल की प्रत्याशी सायनी घोष से आगे चल रही हैंं, लेकिन चुनाव नतीजों ने पॉल को पूरी तरह से चौंका दिया है। अमर उजाला से बातचीत में अग्निमित्रा कहती हैं कि पूरे बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। वे भाजपा के नेताओं को पकड़-पकड़ कर पीट रहे हैं। अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि हमने सपने में भी ऐसे नतीजे के बारे में नहीं सोचा था। कहां हम सरकार बनाने जा रहे थे और कहां ऐसा नतीजा सामने आ रहा है।

हमारे धुरंधर नेता नहीं चल पाए

अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि हमारे कई धुरंधर नेता चुनाव में नहीं चल पाए। स्वप्नदास गुप्ता, लॉकेट चटर्जी, बाबुल सुप्रियो, राहुल सिन्हा सब चुनाव हार रहे हैं। यशदास गुप्ता भी पीछे चल रहे हैं। अशोक डिंडा, रुद्रानिल घोष, वैशाली डालमिया, रवीन्द्र भट्टाचार्य, मीनादेवी पुरोहित भी चुनाव में हार की ओर हैं।

आया राम, गया राम वालों का सबसे खराब प्रदर्शन  

अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि जो नेता तृणमूल से भाजपा में आए, लगभग सभी के चुनाव नतीजे हार की तरफ हैं। जो नेता भाजपा से तृणमूल में गए और फिर भाजपा में लौट आए, वह भी चुनाव हार रहे हैं। जबकि पार्टी ने चुनाव प्रचार, तैयारी, बूथ प्रबंधन और हर स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि ऐसे नतीजे की तो उन्हें उम्मीद ही नहीं थी। यह तो बड़ा गड़बड़ हो गया। 

अब पांच साल राजनीति करना मुश्किल होगा

वह बताती हैं कि पांच साल तक पश्चिम बंगाल में राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि तृणमूल के लोगों ने भाजपा के नेताओं की पिटाई शुरू कर दी है।

क्यों आया इतना खराब नतीजा?

अग्निमित्रा पॉल कहती हैं कि अभी हार के कारणों पर समीक्षा का समय नहीं है। अभी तो वह भाजपा कार्यालय आई हैं। बैठक होने वाली है। वह कहती हैं कि कई मुद्दे ऐसे रहे, जिनके चलते हार का सामना करना पड़ गया। 

कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में उन्होंने कहा कि इससे मतदान का प्रतिशत घटा, लेकिन इस तरह से हार की उम्मीद नहीं थी। अग्निमित्रा पॉल कहती हैं कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के बढ़े दाम, चुनाव के ऐन वक्त पर वित्त मंत्रालय द्वारा जमा दरों पर ब्याज दरों में कटौती का फैसला समेत तमाम बड़े कारण हैं, जिन्होंने चुनाव को प्रभावित किया।  अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान कुछ गलत बयानबाजी का भी असर पड़ा है। वह मानती हैं कि तृणमूल से भाजपा में आए दागी छवि के लोगों को भी राज्य की जनता ने नकार दिया।


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